सोमवार, 19 अप्रैल 2010

बिजली बोर्ड का कमाल, प्रमोशन पर उठे कई सवाल
  • बिना विभागीय परीक्षा पास किए ही सहायक अभियंता से बना दिया अधीक्षण अभियंता
  • आटीआई के तहत ली जानकारी में हुआ खास अपसर पर खास मेहरबानी का खुलासा
  • विवादों में घिरी जोगेंद्रनगर की उहल बिजली परियोजना के अधिकारी अब विवादों में घिरे

वित्तीय अनियमितताओं को लेकर विवादों में घिरी जोंगेंद्रनगर स्थित अहल बिजली परियोजना के अधिकारी भी अब विवादों में घिरने शुरू हो गए हैं। बिजली बोर्ड की अपने खास अफसरों पर खास मेहरबानी का पर्दाफाश हो गया है। सूचना अधिकार कानून के तहत जुटाई जानकारी में खुलासा हुआ है कि उहल पावर प्रोजेक्ट में कार्यरत अधीक्षण अभियंता बीके अग्रबाल पर बिजली बोर्ड ने खास दरियादिलील दिखाते हुूए तमाम विभागीय औपचारिकताओं को पूरा किए सहायक अभियंता से अधिक्षण अभियंता के पद पर बिना विभागीय परीक्षा पास किए ही पदोन्नति दे दी। जोंगेद्रनगर के आरटीआई एकिटविस्टि एडवोकेट रणजीत चौहान को सूचना अधिकार कानून के तहत प्रदेश विद्युत बोर्ड के सचिव ने जो जानकारी उपलब्ध करवाई है, वह काफी चौंकाने वाली है। जानकारी के अनुसार उक्त अधिकारी के सर्विस रिकॉर्ड के अनुसार सहायक अभियंता के पद से अधीक्षण अभियंता के पद पर पहुंचे उक्त अधिकारी ने पदोन्नति के लिए जरूरी विभागीय परीक्षा पास नहीं की है। सूचना अधिकार कानून के तहत ली गई जानकारी में अनुसार उक्त अधीक्षण अभियंता का उहल पावर प्रोजेकट प्रेम भी साफ दिखाई दे रहा है। महोदय 14 अक्तूबर 2002 से 12 जून 2006 तक उहल पावर प्रोजेक्ट में बतौर कार्यकारी अभियंता तैनात रहे और 30 मर्द 2009 से बतौर अधीक्षण अभियंता उन्हें फिर से उहल पावर प्रोजेक्ट में तैनाती दे दी गई है। पदोन्नति के लिए 6 मौके प्रदेश बिजली बोर्ड के सचिव की ओर से उपलब्ध करवाई गई सूचना के अनुसार सहायक अभियंता से पदोन्नति के लिए विभागीय परीक्षा पास करना जरूरी है। पदोन्नति के लिए बिजली बोर्ड की ओर से 6 मौके दिए जाते हैं। बिजली बोर्ड की ओर से दी गई सूचना के अनुसार बिजली बोर्ड में पदोन्नति के लिए आखिरी विभागीय परीक्षा 9 -10 नवबंर 2009 को हुई थी। बिजली बोर्ड की और आयोजित इस विभागीय परीक्षा में भी उक्त अधीक्षण अभियंता शामिल नहीं हुए हैं। कोटस बिजली बोर्ड में पदोन्नतियां नियमों को ताक पर रख कर की जा रही हैं। इससे पात्र अधिकारियों को पदोन्नति का अवसर नहीं मिल रहा है, जबकि सत्ता के गलियारों में हाजिरी बजाने को खास तरजीह मिल रही है। बोर्ड में नियमों के विपरीत हुई पदोन्नतियां खारिज होनी चाहिए। एडवोकेट रणजीत चौहान, जिन्होंने सूचना अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी है।


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