मंगलवार, 4 मई 2010

शुरू हुआ टकराव, दिख गया बिखराव


कांग्रेस संगठन और केंद्रीय इस्पात मंत्री के बीच उजागर हुए मतभेद

शुरू हुआ टकराव, दिख गया बिखराव

वीरभद्र सिंह के मंडी दौरे से सामने आई कांग्रेस की अंतरकल्ह

पार्टी कार्यकर्ता जोश मगर नेताओं के बीच चल रहा कोल्ड वार

कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव से पहले सिर फुटोव्वल की परिस्थितियां बन रही हैं। कांग्रेसी दिग्गज वीरभद्र सिंह का उबाल राख में दबी चिंगारी को हवा दे रहा है। वीरभद्र सिंह के मंडी पार्लियामेंटरी क्षेत्र के दौरे के दौरान मंडी जिला में पहले दो कार्यक्रमों मे उनके तीखे तेवर और संगठन पर हमले इस बात को बल दे रहे हैं कि संगठन के स्तर पर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से वह खासे नाराज हैं। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह के साथ रोहड़म उपचुनाव से शुरू हुए उनके मतभेद बढ़ते ही जा रहे हैं। इस दौरे में भी पाटी्र प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह उनके निशाने पर रहे हैं। उनहोंने जहां भी मौका मिला, पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पर तंज कसने से कोई गुरेज नहीं किया। संगठन के चुनाव से पूर्व चल रहे पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर वीरभद्र सिंह काफी गुस्से में दिखाई दिए। वीरभद्र सिंह ने साफ साफ कह दिया कि पार्टी की सदस्यता देने में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है। जाहिर है कि पार्टी के सदस्यता अभियान में अपने लोगों को फिट करने की कवायद चल रही है। चच्योट विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान पार्टी प्रदेशाध्यक्ष का शामिल न होना और पार्टी के मंच पर पार्टी नेताओं के बीच मलयुद्व जैसे हालात बनना भी प्रदेश कांग्रेस के दो बड़े दिगगजों के बीच चल रही खींचतान को जगजाहिर कर रहा है। इस दौरे के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के दिग्गजों के बीच का पुराना टकराव शुरू हो गया है, वहीं पार्टी को गति देने की जिम्मेवारी जिन नेताओं पर है उनमें बिखराब साफ नजर आने लगा है। केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह के मंडी दौरे से एक बार फिर पार्टी संगठन और केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह के बीच मतभेद उजागर हो गए हैं। पार्टी के अंदर की कलह एक बार फिर सामने आ गई है। मंडी के गांधी भवन में मंडी जिला कांग्रेस की बैठक में केंद्रीय मंत्री की तलखी ने साफ जाहिर होता है कि वह पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है। उन्होंने तो यहां तक कह डाला कि पार्टी के सदस्यता अभियान में फर्जीवाड़ा चल रहा है। उन्होंने लंगड़े घोड़ों पर दांव न लगाने की नसीहत देकर एक बार फिर से पार्टी प्रदेशाध्यक्ष को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह के चच्योट विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह का नदारद रहना भी कई सवालों को जन्म दे गया है। वीरभद्र सिंह अक्रामक हो कर हमले दाग रहे हैं। जितना वह प्रदेश में सत्तासीन भाजपा सरकार पर हमले दाग रहे हैं, उससे वहीं ज्यादा अपनों को कटघरे में खड़ा कर रहे है। संगठन के साथ वीरभद्र सिंह का छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब वीरभद्र सिंह ने पार्टी संगठन को आड़े हाथो लिया हो। इससे पहले भी कई बार वीरभद्र सिंह और पार्टी संगठन के बीच आरोप - प्रत्यारोप का कई बार दौर चल चल चुके हैं। राजनीति के जानकारों के अनुसार प्रदेश कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव प्रस्तावित हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं के जोश के बावजूद पार्टी नेताओं में चल रहे कोल्ड वार के पीछे संगठन में अपने मोहरों को फिट करने की रणनीति बताई जा रही है। यह साफ है कि केंद्रीय मंत्री वीरभद्र सिंह दिल्ली में रहने के बावजूद प्रदेश में कांग्रेस में अपनी तगड़ी पैठ रखना चाहते हैं, जबकि पार्टी के अंदर ही एक धड़ा उन्हें प्रदेश की राजनीति के हाशिये पर लाने की तैयारी में है। इसी कवायद के चलते पार्टी संगठन के चुनावों से पहले प्रदेश कांग्रेस के अंदर संक्रमण का दौर जारी है। हालांकि यह तय है कि प्रदेश में एकजुट होने पर कांग्रेस भाजपा के लिए मुसीबत पैदा कर सकती है, लेकिन कांग्रेस के नेताओं के बीच मारकाट का यह दौर भाजपा की सेहत के लिए अच्छा है। यही कारण है कि भाजपा की ओर से कांग्रेस के एक धड़े को खाद दी जा रही है। बहरहाल कांग्रेस की इस आपसी फूट का फायदा सत्तासीन भाजपा को होता दिख रहा है। ऐसे में जबकि भाजपा प्रदेश में प्रस्तावित नगर निकायों और उसके बाद होने वाले पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों के लिए जमीन तैयार कर रही है, कांग्रेस की यह नूरा कुश्ती उसकी अपनी नैय्या ढुबोने वाली दिख रही है। हालांकि कांग्रेस कार्यकर्ता जोश में हैं लेकिन पार्टी दिग्गजों की आपसी खींचतान के चलते सत्तासीन भाजपा के खिलाफ कोई बड़ा आंदोलन खड़ा करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
चच्योट में सामने आ गई खोट

केंद्रीय इस्पात मंडी वीरभद्र सिंह के चच्योट विधानसभा के पहले दौरे के दौरान भीड़ तो खूब जुटी लेकिन चच्योट कांग्रेस के नेताओं की आपसी कशमकश में उनकी खोट सामने आ गई। शक्ति प्रदर्शन को लेकर शुरू हुई चच्योट कांग्रेस के नेताओं की खींचतान इतनी बढ़ गई कि झंझेहली में आयेजित कार्यक्रम से जिला कांग्रेस की सचिव तारा ठाकुर मंच छोड़ कर चली गई तो, चच्योट महिला कांग्रेस की अध्यक्ष जस्सी देवी ने कुथाह में अलग से केंद्रीय मंत्री को अपना दुखड़ा सुनाया और मिल्क फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष चेतराम के खिलाफ आग उगली। यहां महिलाओं और दलितों को अधिमान न देने के आरोप भी कांग्रेस के नेताओं पर चस्पां किए गए। चच्योट कांग्रेस कुछ दिन पहले पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह के सामने गुथमगुथा हो चुकी है। शायद यही कारण था कि केंद्रीय मंत्री के चच्योट दौरे के दौरान पार्टी प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर कौल सिंह नदारद रहे। चच्योट के विधायक एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री जयराम ठाकुर ने इस दौरे को असफल करार दिया है।

कोई टिप्पणी नहीं :

एक टिप्पणी भेजें