सोमवार, 21 मार्च 2011

अभियान के नाम पर स्कूल की पढा़ई कुर्बान


सात सालों से एसएसए की जिम्मेवारी निभा रहा खुहण स्कूल का टीजीटी मेडीकल टीचर
टीचर को प्रति नियुक्ति पर भेजने के बाद स्कूल को टीचर उपलब्ध करवाना भूली सरकार
सर्व शिक्षा अभियान के दावों की पोल खोलता मंंडी जिला का सीसे स्कूल खुहण


सर्व शिक्षा अभियान के सब पढ़ो और आगे बढ़ो के सरकारी दावे की पोल खुल गई है।सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान को चलाने के लिए मंडी जिला के सिराज 2 शिक्षा खंड के सीनीयर सकेंडरी स्कूल खुहण के टीजीटी मेडीकल अध्यापक को वर्ष 2004 में ब्लॉक रिर्सोस कॉर्डीनेटर के तौर पर प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया, लेकिन सरकार स्कूल में टीजीटी मेडीकल टीचर उपलब्ध करवाना भूल गई। एक तरह पिछले सात सालों से स्कूल में तैनात टीजीटी मेडीकल टीचर सर्व शिक्षा अभियान में अपनी सेवाएं दे रहा है तो दूसरी तरफ सात सालों से स्कूल बिना टीजीटी मेडीकल टीचर के ही हांका जा रहा है। हालांकि सर्व शिक्षा अभियान निदेशालय का दावा है कि जिन स्कूलों में तैनात अध्यापकों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है, उन स्कूलों में उन पदों पर शिक्षा विभाग ने अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों की नियुक्ति की है और प्रदेश में कोई भी पद ऐसा खाली नहीं है जिस पद के कर्मचारी को सर्व शिक्षा अभियान में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। उधर मंडी स्थित एलिमेंटरी शिक्षा उप निदेशक कार्यालय सर्व शिक्षा अभियान निदेशालय के दावों की पोल खोल रहा है। उप निदेशक एलिमेंटरी शिक्षा मंडी के अनुसार खुहण स्कूल के टीजीटी मेडीकल टीचर दिले राम को 5 अप्रैल 2004 को बतौर बीआरसी सर्वशिक्षा अभियान बालीचौकी ब्लॉक में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है। उपनिदेशालय के अनुसार स्कूल में तब से लेकर आज तक टीजीटी मेडीकल टीचर के पद पर कोई नियुकित नहीं हुई है। उप निदेशक एलिमेंटरी शिक्षा मंडी के अनुसार खुहण स्कूल में टीजीटी मेडीकल टीचर के न होने से पिछले सात सालों में करीब 15 सौ बच्चों को बिना टीचर के ही पढऩे को मजबूर होना पड़ा। वर्ष 2004—05 में 218, 2005—06 में 226, 2006—07 में 201, 2007—08 में 182, 2008—09 में 200, 2009—10 में 205 और 20 10—11 में 185 बच्चों को टीजीटी मेडीकल टीचर न होने के चलते बुरी तरह से प्रभावित होना पड़ा। सूचना अधिकार कानून के तहत सर्व शिक्षा अभियान निदेशालय शिमला और उप निदेशक एलिमेंटरी शिक्षा मंडी से सूचना हासिल कर इस मामले का पटाक्षेप करने वाले कामगार मजदूर संगठन के अध्यक्ष एवं आरटीआई ब्ूयरो मंडी के सदस्य संत राम का कहना है कि इस मामले को लेकर वह कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे हैं।

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