गुरुवार, 19 जनवरी 2012

सरकारी दूध का कारोबार, सवालों के घेरे में सरकार

बिना लाईसेंस के दूध के उत्पाद बना रही मिल्क फैड की चक्कर डेयरी
सरकारी दूध का कारोबार, सवालों के घेरे में सरकार
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने की छापेमारी खंगाला डेयरी का रिकार्ड

मंडी के चक्कर में स्थित डेयरी ने दूध से विभिन्न प्रकार के उत्पाद तैयार करने के लिए कोई लाइसेंस ही नहीं लिया हुआ है। नए खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बिना लाइसेंस ऐसा कारोबार गैर कानूनी है लेकिन मजे की बात यह कि प्रदेश में दूध का कारोबार करने वाला सरकारी उपक्रम बिना लाइसेंस लिए ही करोड़ों का कारोबार कर रहा है। यह खुलासा जिला स्वास्थ्य विभाग की उस टीम ने किया है जिसने मिल्क प्लांंट में छापेमारी कर दूध उत्पादन से संबंधित रिकार्ड मिल्क फैड के अधिकारियों ने तलब किया। मिल्क फैडरेशन के अधिकारी ऐसा कोई लाईसेंस स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिखाने में नाकाम रहे। स्वस्थ्य विभाग की टीम ने लाईसेंस प्रस्तुत करने के लिए मिल्क फैडरेशन के अधिकारियों को एक सप्ताहज का समय दिया है, उसके बाद स्वास्थ्य विभाग मिल्क फैडरेशन पर जुर्माने की कार्रवाई के साथ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा, जिसमें छह माह की कैद और पांच लाख रूपए जुर्माने का प्रावधान है। उधर इस प्रकरण के सामने आते ही मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा ने मिल्क फैडरेशन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और मिल्क फैडरेशन के अध्यक्ष मोहन जोशी से इस्तीफे की मांग की है।
दूध -घी के सैंपल भरे
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिल्क प्लांट चक्कर में छापेमारी कर मिल्क प्लांट का निरीक्षण किया और दूध और घी के सैंपल भरे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यही कार्रवाई हाल ही में मिल्क फैडरेशन के जले हुए घी के बारे में शिकायत मिलने पर की। विभाग की टीम ने दूध और घी के सैंपल भर कर लैब में टेस्ट के लिए भेज दिए हैं। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी एलडी ठाकुर ने बताया कि सैंपल की रिपोर्ट आने पर मिल्क फेड के खिलाफ अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सीएम से होगी शिकायत
मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा के संयोजक लक्षमेंद्र गुलेरिया का कहना है कि हिमाचल दिवस के अवसर पर 25 जनवरी को मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल मंडी आ रहे हैं। मिल्क फैडरेशन की धांधलियों के बारे में वहां उनसे शिकायत की जाएगी। दूध- घी की पॉलीथीन पैकिंग को लेकर भी मुद्दा उठाया जाएगा। उन्होंने मिल्क फैड के कांगडा, शिमला और मंडी तीनों यूनिटों की सतर्कता जांच करवाने की भी मांग की है।

मिल्क फैडरेशन के अधिकारियों को लाईसेंस दिखाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया, उसके बाद खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी।
डॉ. टीसी महंत, जिला स्वास्थ्य अधिकारी मंडी।

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मिल्क प्लांट चक् कर में छापेमारी कर दूध और घी के सैंपल भरे हैं। सैंपल टेस्ट के लिए लैब में भेज दिए गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई होगी।
एलडी ठाकुर, खाद्य सुरक्षा अधिकारी मंडी।

बिना लाईसेंस दूध का कारोबार कर रहे मिल्क फैड के चेयरमैन को नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देना चाहिए। इस सारे मामले की विजिलैंस से जांच करवाई जाए।
लक्षमेंद्र गुलेरिया, संयोजक मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा ।

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