दोस्त ने हमारे बारे में क्या क्या नहीं पढ़ दिया। जो साजिश से बचे तो कोई षडय़ंत्र गढ़ दिया।। कुछ इस तरह बचाया उसने अपने वजूद को। शोहरत हुई हमारी तो कोई इल्जाम मढ़ दिया।
चातुर चालाक की बस्ती में भी वह नादान रहा। उसकी इस अदा से भी कोई बड़ा परेशान रहा।।
सिर पर धूप है न छांव है। सफर में कब से पांव हैं। हां छोड़ा जब से गांव है। हां छोड़ा जब से गांव है।।
दुश्मन ने की अपनी पूरी तैयारी थी। हम बच निकले, किस्मत हमारी थी।। वह चोरों के कुनबे में भी खास रहा। वहीं सेंध लगाई जहां चारदीवारी थी।।
या मुझ से नफरत करोगे या मुझ से प्यार जताओगे मेरा दावा है, मुझ को नजरअंदाज नहीं कर पाओगे कभी इक सुबूत भी जुटाने की कोशिश करना दोस्त मालूम है हर बार मेरे खिलाफ तुम ही इल्जाम लगोगे
---चमक का चरित्र ---- वह सितारा जो सदा/ रात को चंाद से मांग उधार की रोशनी से/ टिमटिमाया आया है/ वह दीपक जो अक्सर/ तेल के सिर पर/ बती के दम पर / जगमगाया है। आज साजिश रच/ किसी और के हिस्से का/ सूरज लूटने आया है।
अपनी जमात के तो हर घड़ी धिक्कारते रहे। वो तो कोई और थे जो हमको निखारते रहे।।
लोक की सियासत में देखा यह चलन भी। खुद बिगडै़ल थे जो औरों को सुधारते रहे।।
उस नस्ल को अपने पुरखों पर रहा गुमान। जिंदगी नर्क सी कटी पर स्वर्ग सिधारते रहे।। कौरवों की हर जीत में चाल शकुनी की रही। चौपड़ जब कभी बिछी पांडव ही हारते रहे।।
हमसे उनका नाता कोई पिछले जन्म का था। गम जब भी दो विदा किये चार पधारते रहे।।
कोशिश तमाम करता है वो हमको रूलाने की हम हर दिन ढूंढ लेते हैं वजह मुस्कराने की।। रत्न जब भी किसी सियासत ने सजाये ताज में। बीरबल का सिक्का चला अकबर के राज में ।। अपने मुकद्दर को कभी इसलिए ही कोसा नहीं। क्या पता कब बदल जाए वक्त का भरोसा नहीं।। वो जो सियासत की आड़ में हैं। सब के सब अपने जुगाड़ में हैं।। चंबल मुफ्त में बदनाम,डाकू तो। कुछ संसद में कुछ तिहाड़ में हैं।।
केईयां जो नी चबणे जो टुकड़ा कुथी कुत्ते दुधां पाड़ा दे केंईयां दे तां फटेयों खंदाूलू कुथी बिल्ले लेहफां फाड़ा दे मजदूर बचारे भुखे पाहणे बिन रोटिया पाणिये जिआ दे ठेस वपारी नेते सारे लोकां देयां लौहुआं पिआ दे बकरूआं दें मास्से स्वाद नी रेहया माणु माणुए दे मास्से खा दे दोस्तो, असां इक्कवियां सदिया जो जा दे
नुआं जो गैसा ने फूक्की मिट्टिया दे तेले की बचत करा करदे बापुये जो जबरा बोल्ली नोईयां रीत्तां पा करदे। हिंदी प्हाड़ी सडिय़ो भाषा अंग्रेजिया दा प्रचार करा करदे हिंदुआं सिक्खां मुसलमानां लड़ाई आबादिया घट रवा करदे जन्म कुंडलियां टिपड़े सिपड़े अज असां गुआई दित्ते पिछले सारे भेद पुराणे हुण असां मिटाई दित्ते ब्याहे तांई हुण दोस्तो असं पासबुकां मिला करदे दोस्तो, असां इक्कवियां सदिया जो जा दे
अज नेते देशे दिया जगीरां खा दे अफसर सारे सीरे खीरां खा दे भूखेयां कन्ने फकीरां खा दे अज सोई भी सुथणुए दियां लीरां खा दे तरखाण भी लकडिय़ा दियां चीरां खा दे अज लैला अपणेयां मजनुआं खा दियां अज सांझे अपणियां हीरां खा दे तिसजो जो मिल्ला दो खादे दोस्तो, असां इक्कवियां सदिया जो जा दे
ठेकेदार सैह बजरिया खा दे लोहे रोत्ता सिरमटे खा दे मजदूरां दे पसीने खा दे चमडिय़ा कन्ने सीने खा दे हफ्ते खादे महीने खा दे जिन्हां मछियां जो ढीहने खा दे अप्पु ते तां बणा दी टपरू बापुये दे पायो ढाह करदे दोस्तो, असां इक्कवियां सदिया जो जा दे
हॉकी क्रिकेट खेल पुराने इन्ना बिच क्या रिकॉर्ड बणाणे टुटियां भज्जियां ज्ंगाह दे क्यो असां दर्शण कराणे जुएबाजी, छूरेबाजी नौये खेल चलाये न हर स्कूलें कॉलेजें जरूरी ये बणाये ने बच्चेयां जमणे बिच दोस्तो असां विश्व रिकॉर्ड बणा करदे दोस्तो, असां इक्कवियां सदिया जो जा दे