गीत
मुखड़ा :
गायक: हार जिन्हें मंजूर नहीं।
उनसे मंजिल दूर नहीं।।
गायिका: जो थककर होते चूर नहीं।
उनसे मंजिल दूर नहीं।।
अंतरा:1
गायक : मान लिया तो हार है।
ठान लिया तो जीत है।।
गायिका : मौसम जैसा जीवन है।
गर्मी, बारिश, शीत है।।
गायक : लोग जहां मगरूर नहीं।
गायिका : उनसे मंजिल दूर नहीं।।
कोरस : हार जिन्हें मंजूर नहीं।
जो थककर होते चूर नहीं।।
उनसे मंजिल .................
अंतरा: 2
गायिका : कुदरत के उसूल हैं।
कांटो संग ही फूल हैं।।
गायक : अश्क कभी हंसी मिले।
उसका दिया कबूल है।।
गायिका : खुद पर जिन्हें गरूर नहीं।
गायक : उनसे मंजिल दूर नहीं।।
कोरस : हार जिन्हें मंजूर नहीं।
जो थककर होते चूर नहीं।।
उनसे मंजिल .................
गायक: हार जिन्हें मंजूर नहीं।
उनसे मंजिल दूर नहीं।।
गायिका: जो थककर होते चूर नहीं।
उनसे मंजिल दूर नहीं।।
कोरस : हार जिन्हें मंजूर नहीं।
जो थककर होते चूर नहीं।।
उनसे मंजिल .................
.............विनोद भावुक...................
मुखड़ा :
गायक: हार जिन्हें मंजूर नहीं।
उनसे मंजिल दूर नहीं।।
गायिका: जो थककर होते चूर नहीं।
उनसे मंजिल दूर नहीं।।
अंतरा:1
गायक : मान लिया तो हार है।
ठान लिया तो जीत है।।
गायिका : मौसम जैसा जीवन है।
गर्मी, बारिश, शीत है।।
गायक : लोग जहां मगरूर नहीं।
गायिका : उनसे मंजिल दूर नहीं।।
कोरस : हार जिन्हें मंजूर नहीं।
जो थककर होते चूर नहीं।।
उनसे मंजिल .................
अंतरा: 2
गायिका : कुदरत के उसूल हैं।
कांटो संग ही फूल हैं।।
गायक : अश्क कभी हंसी मिले।
उसका दिया कबूल है।।
गायिका : खुद पर जिन्हें गरूर नहीं।
गायक : उनसे मंजिल दूर नहीं।।
कोरस : हार जिन्हें मंजूर नहीं।
जो थककर होते चूर नहीं।।
उनसे मंजिल .................
गायक: हार जिन्हें मंजूर नहीं।
उनसे मंजिल दूर नहीं।।
गायिका: जो थककर होते चूर नहीं।
उनसे मंजिल दूर नहीं।।
कोरस : हार जिन्हें मंजूर नहीं।
जो थककर होते चूर नहीं।।
उनसे मंजिल .................
.............विनोद भावुक...................